ओडीएफ प्लस मॉडल, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। खुले में शौच (ओडीएफ) को खत्म करने में सफलता प्राप्त करने के बाद, अब लक्ष्य ओडीएफ प्लस (ODF Plus) मॉडल को प्राप्त करना है। लेकिन ओडीएफ प्लस मॉडल आखिर है क्या, और यह ओडीएफ से कैसे अलग है? आइए समझते हैं
ओडीएफ प्लस मॉडल
सबसे पहले, ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) का मतलब है कि एक गाँव या समुदाय में, कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता है। सभी घरों में शौचालय उपलब्ध हैं, और उनका नियमित रूप से उपयोग किया जाता है। यह सिर्फ एक बुनियादी स्तर है, जो बीमारियों को फैलने से रोकने और स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
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ओडीएफ प्लस मॉडल क्या है |
ओडीएफ प्लस: स्वच्छता का समग्र दृष्टिकोण
ओडीएफ प्लस, ओडीएफ की नींव पर बना एक व्यापक मॉडल है। यह खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखने के साथ-साथ, निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- ठोस कचरा प्रबंधन (Solid Waste Management): घरों और सार्वजनिक स्थानों से ठोस कचरे का उचित संग्रह, पृथक्करण (segregation) और निपटान सुनिश्चित करना। इसमें कम्पोस्टिंग (composting) और अन्य तकनीकों का उपयोग करके कचरे को उपयोगी संसाधनों में बदलना शामिल है।
- तरल कचरा प्रबंधन (Liquid Waste Management): घरों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले तरल कचरे का उचित प्रबंधन करना। इसमें सोख गड्ढों (soak pits), लीच पिट्स (leach pits), और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों (wastewater treatment plants) का उपयोग करके पानी को सुरक्षित रूप से वापस पर्यावरण में छोड़ना शामिल है।
- मल कीचड़ प्रबंधन (Faecal Sludge Management): शौचालयों से निकलने वाले मल कीचड़ का सुरक्षित संग्रह, परिवहन, उपचार और निपटान सुनिश्चित करना। यह बीमारियों के प्रसार को रोकने और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (Plastic Waste Management): प्लास्टिक कचरे के संग्रह, पृथक्करण, पुनर्चक्रण (recycling) और उचित निपटान पर ध्यान केंद्रित करना। प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए यह आवश्यक है।
ओडीएफ और ओडीएफ प्लस में अंतर
विशेषता | ओडीएफ | ओडीएफ प्लस |
---|---|---|
मुख्य फोकस | खुले में शौच को खत्म करना | ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के साथ-साथ ओडीएफ स्थिति को बनाए रखना |
दायरा | शौचालय का निर्माण और उपयोग | कचरा प्रबंधन, सफाई, और बेहतर स्वच्छता प्रथाएं |
उद्देश्य | बुनियादी स्वच्छता प्रदान करना | सतत और व्यापक स्वच्छता सुनिश्चित करना |
ओडीएफ प्लस का महत्व
ओडीएफ प्लस मॉडल, सिर्फ शौचालयों के निर्माण से आगे बढ़कर स्वच्छता के सभी पहलुओं को शामिल करता है। यह समुदायों को स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए एक टिकाऊ वातावरण प्रदान करता है, जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है, जीवन स्तर में सुधार होता है, और पर्यावरण का संरक्षण होता है।
निष्कर्ष:
ओडीएफ प्लस मॉडल, स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो समुदायों को स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ बनाने में मदद करता है। इस मॉडल को अपनाने से भारत न केवल खुले में शौच मुक्त रहेगा, बल्कि एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर भी अग्रसर होगा।