विशेषण किसे कहते हैं:- विशेषण एक महत्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा है भाषा की, जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने का कार्य करता है। विशेषण का अर्थ है 'विशेषता' या 'गुण' बताना।
इसी प्रकार से, विशेषण किसी संज्ञा के गुण, स्थिति, मात्रा, संख्या आदि को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। जब हम किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, या विचार के बारे में अधिक जानकारी या उसके गुणों को समझाना चाहते हैं, तो हम विशेषण का प्रयोग करते हैं।
विशेषण का प्रकार
विशेषण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
1. **गुणवाचक विशेषण** (Adjective of Quality): ये विशेषण संज्ञा के गुणों, विशेषताओं या विशेषताओं को बताने वाले होते हैं। जैसे:
- सुंदर (सुंदर लड़की)
- तेज़ (तेज़ ध sunlight)
- ऊँचा (ऊँचा घर)
- नमकीन (नमकीन खाने)
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visheshan kise kahate hain |
2. **संख्यावाचक विशेषण** (Numerical Adjective): ये विशेषण किसी संज्ञा की संख्या या मात्रा को बताने वाले होते हैं। जैसे:
- एक (एक गेंद)
- दो (दो पेड़)
- कुछ (कुछ किताबें)
- सभी (सभी छात्र)
3. **परिमाणवाचक विशेषण** (Adjective of Quantity): ये विशेषण संज्ञा की मात्रा को बताने वाले होते हैं। जैसे:
- थोड़ा (थोड़ा पानी)
- अधिक (अधिक मिठाई)
- बिलकुल (बिलकुल सही)
4. **संकेतवाचक विशेषण** (Demonstrative Adjective): ये विशेषण किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति को इंगित करने वाले होते हैं। जैसे:
- यह (यह पुस्तक)
- वह (वह बच्चा)
- ये (ये लोग)
- वे (वे फूल)
5. **सापेक्षवाचक विशेषण** (Interrogative Adjective): ये विशेषण प्रश्न पूछने के लिए उपयोग होते हैं। जैसे:
- कौन (कौन बच्चा)
- क्या (क्या काम)
- कितना (कितना पानी)
विशेषण का प्रयोग
विशेषण का प्रयोग वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम को अधिक स्पष्ट और बोधगम्य बनाता है। जब हम विशेषण का उपयोग करते हैं, तो वाक्य में विस्तार होता है और पाठक या श्रोता को अधिक जानकारी मिलती है। उदाहरण के लिए:
- "रीना एक सुंदर लड़की है।"
- यहां "सुंदर" विशेषण है, जो "लड़की" की विशेषता को बताता है।
- "मुझे तीन सेब चाहिए।"
- यहां "तीन" विशेषण है, जो सेबों की संख्या को दर्शाता है।
विशेषण शब्दों की विविधता को बढ़ाते हैं और उन्हें और भी अर्थपूर्ण बनाते हैं। जब हम एक वाक्य में विभिन्न विशेषणों का प्रयोग करते हैं, तो वह वाक्य और भी जीवंत और आकर्षक बनता है।
विशेषण का सही प्रयोग
विशेषण का सही प्रयोग लिखने या बोलने में महत्वपूर्ण है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि विशेषण सही संज्ञा के साथ मेल खाता हो और उसका प्रयोग उचित संदर्भ में किया जाए।
1. **संगति**: विशेषण और संज्ञा के बीच की संगति का ध्यान रखना चाहिए। उदाहरण:
- "बड़ा पेड़" (यहां 'बड़ा' विशेषण है और 'पेड़' संज्ञा है)
- "सुनील तेज़ लड़का है।" (यहां "तेज़" सुनील के विशेष गुण का वर्णन कर रहा है)
2. **अर्थ स्पष्टता**: जब हम विशेषण का इस्तेमाल करते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो।
- "गौरव मेरे साथ बैठा हुआ है।" (यहां कोई विशेषण नहीं है, इसलिए यह सामान्य जानकारी है)
- "गौरव एक होशियार छात्र है।" (यहां 'होशियार' विशेषण ने गौरव की विशेषता को स्पष्ट किया)
3. **प्रयोग की मात्रा**: कभी-कभी अधिक विशेषण का प्रयोग वाक्य को भारी और जटिल बना देता है। इसलिए, विशेषण का सही और सटीक प्रयोग करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
विशेषण एक ऐसी विशिष्टता है जो हमें संज्ञाओं को समझने और व्यक्त करने में मदद करती है। इसके यह गुण केवल भाषा की बात नहीं बल्कि हमारे सोचने और समझने की प्रक्रिया को भी आसान बनाते हैं। विशेषण का सही ज्ञान और उपयोग भाषा को और अधिक समृद्ध, रंगीन, और व्यक्तिपरक बनाता है।
यदि आप भाषा में मजबूती लाना चाहते हैं, तो विशेषण के महत्व को समझना और अपने संवाद में उसे शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भाषा का ये पहलू न केवल संवाद को प्रभावी बनाता है, बल्कि हमारे विचारों को अधिक स्पष्टता के साथ व्यक्त करने में भी सहायक होता है।
आशा है कि यह लेख आपको विशेषण के महत्व और उपयोग को समझाने में मदद करेगा। अपने लेखन और बातचीत में विशेषणों का समुचित प्रयोग करें और अपनी बात को और भी प्रभावशाली बनाएं!